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क्या कमाल की किस्मत है, कभी 2100 रूपए में खरीदी थी एक तस्वीर और आज बन चुकी है 360 करोड़ की

हम सभी जानते हैं कि किसी की भी किस्मत कभी भी बदल सकती है और जब किसी की किस्मत अच्छी हो तो उसके पास रखी बेकार की चीज भी उसके लिए फायदेमंद और लाभदायक साबित हो अजती है। कई बार ऐसा हो जाता है कि हमारे पास ऐसी चीज होती है जिसे हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं लेकिन असल में वह ना केवल लाभदायक होता है बल्कि काफी बेशकीमती भी निकल जाता है।

ऐसा ही एक मामला मैसाच्यसेट्स शहर से सामने आया है जहां एक व्यक्ति ने किसी आर्टवर्क को काफी कम कीमत में खरीदा और बाद में उसे उस आर्टवर्क की असली कीमत पता चली जिससे ना केवल वह बल्कि उसे बेचने वालों के साथ साथ सभी आर्टवर्क के एक्सपर्ट भी काफी हैरान हैं। सभी इस बात को लेकर काफी चौंक रहे हैं कि ऐसी खास और महंगी स्केच किसी व्यक्ति को इतनी कम कीमत में मिल गई।आपको बता दें कि अमेरिका के मैसच्युट्स के रहने वाले एक व्यक्ति ने किसी असली आर्टवर्क को नकली समझकर काफी कम पैसों में खरीदा था जो कई साल पुराना बताया जा रहा है।

उस व्यक्ति ने अपने नाम को मीडिया के सामने नहीं रखा है लेकिन उसने केवल 2100 रुपए में इस ओरिजिनल आर्टवर्क को खरीदा लेकिन इसकी असल कीमत के बारे में पता चलते ही वह एक ही पल अरबपति व्यक्तियों की गिनती में आ गया।आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस आर्टवर्क में एक बच्चे और मां की तस्वीर को बड़ी खूबसूरती से बनाया गया है जिसे उस व्यक्ति ने किसी आर्ट सेल से किसी मशहूर तस्वीर के नकल के रूप में खरीदा था। इस आर्टवर्क को एक लेनिन के कपड़े में बनाया गया है जो पीले रंग की है।

आर्टवर्क के कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक यह अरबों की स्केच या आर्टवर्क Albrecht Durer नामक मोनोग्राम द्वारा बनाया गया है जो 15 वीं शताब्दी के काफी मशहूर मोनोग्राम माने जाते थे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक जर्मन कलाकार जो पुनर्जागरण काल थे, यह स्केच उनके द्वारा बनाई गई ओरिजिनल कला है। इस आर्टवर्क की स्टडी के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसकी असली कीमत करीब 368 करोड़ के आस पास है। इस व्यक्ति से पहले साल 2016 में जीन पॉल कर्लाहियान नामक एक दिवंगत वास्तुकार के परिवार ने मैसाच्यूसेट्स में काफी कम कीमत में बेचा था।

क्लीफॉर्ड शोरार को कि कला के संग्रहकर्ता हैं, उन्होंने इस स्केच को देखने के बाद बताया कि Albrecht Durer द्वारा बनाई गई इस कला को देखना काफी आश्चर्य की बात है।बता दें कि उन्होंने जानकारी देते हुए कहा Albrecht जर्मन के पुनर्जागरण के आंदोलन के चित्रकार थे जिन्होंने लियोनार्डो दा विंची जैसे कई कलाकारों के संपर्क में रहते थे और उन्होंने अपने काम से यूरोप के सभी हिस्सों में अपना प्रभाव और प्रतिष्ठा दिखाया था।

Vipul Kumar

मैं एक हिंदी और अंग्रेजी लेखक और फ़्रंट एंड वेब डेवलपर हूं। वंदे मातरम

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