लक्ष्य को निर्धारित कर सकारात्मक सोच को साथ ले के यदि मेहनत की जाये, तब सफ़लता अवश्य ही मिलेगी। बिहार राज्य की एक लड़की नाम संप्रीति यादव द्वारा इस बात को सिद्ध कर के दिखाया। संप्रीति यादव कहती है कि किसी गोल को तय कर के आगे बढ़ने से सफ़लता अवश्य ही मिलती है।
संप्रीति यादव जो शुरू से ही नाटक, खेल, संगीत में तो अव्वल रहती थी तथा इसके साथ वो पढ़ाई में भी अव्वल आती थी जिस कारण संप्रीति यादव को Software Engineer की जाॅब के लिये गूगल की कंपनी ने उन्हें 1.10 करोड़ के वार्षिक पैकेज ऑफ़र की है। संप्रीति यादव ने गूगल द्वारा मिले ऑफ़र को स्वीकार करते हुये 14 फ़रवरी से गूगल में काम करना प्रारंभ करेगी। उन्होंने बताया है कि वह आगे MBA करना चाहती है ।
पटना के नेहरू नगर की रहने वाली संप्रीति यादव के पिता रमाशंकर यादव बैंक में अधिकारी तथा माँ शशि प्रभा जो योजना तथा विकास विभाग के सहायक निदेशक हैं। आपको बता दें संप्रीति यादव ने 2014 के साल में नोट्रेडम नामक एकेडमी से पूरे 10 CGPA के अंको के साथ मैट्रिक की। दिल्ली में इन्टरनेशनल स्कूल से इंटर कर के 2016 में JEE Mains उत्तीर्ण की। 2021 के मई महीने में दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस के विषय से B. Tech किया।
उसके बाद कैंपस द्वारा सेलेक्शन में Microsoft कंपनी द्वारा 44लाख के पैकेज पर कार्यरत हैं। यहाँ तक कि Flipkart, Adobe तथा एक्सपेडिया से भी उन्हें नौकरी के कई ऑफ़र मिले थे। संप्रीति जी नाट्य, खेल तथा संगीत में भी खास रुचि रखती है। आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली के साथ साथ 50 से भी ज्यादा काॅलेजों में ट्रेडमिल नाट्य में भी भूमिका अदा कर चुकी है साथ ही नुक्कड नाटकों में भी हिस्सा लेती रहती थी। इन्होंने 3 वर्ष तक क्लासिकल संगीत का प्रशिक्षण भी लिया है।
इंटरनेशनल गणित की ओलंपियाड में 35वाँ रैंक तथा नेशनल विज्ञान ओलंपियाड में 170वाँ रैंक भी हासिल किये हुये हैं। इनका सफ़र इतने में ही नहीं थमा बल्कि ये अंग्रेजी डिबेट तथा कविता की प्रतियोगिता में पुरस्कृत भी हो चुकी हैं तथा टेनिस के खेल में भी पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। गूगल ने संप्रीति यादव को ऑफ़र देने से पहले इनका अलग अलग स्तर पर नौ राउंड तक इंटरव्यू भी लिया था, फ़िर संप्रीति के प्रत्येक राउंड के के संतुष्टिपूर्ण जवाब मिलने के पश्चात इन्हें नौकरी के लिये ऑफ़र दी गयी।
संप्रीति यादव बताती हैं उनका सबसे पसंदीदा विषय गणित रहा है जिस कारण उनका इंजीनियर का सपना बचपन से ही रहा है। इंटर में उनका लक्ष्य कम्प्यूटर इंजीनियर बनने का था। वे प्रतिदिन 7-8 घंटे पढ़ती थी जिससे इंजीनियरिंग काॅलेज से पढाई करने की इच्छा तीव्र होती गई। वे बताती हैं कि दोस्तों तथा शिक्षकों द्वारा हमेशा आगे बढ़ते रहने का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। इसके अलावा उनकी माताश्री जो गणित विषय से MSc. की है, उन्होंनें गणित के विषय में प्रारंभ से ही मदद की थी।