फिल्म “खुदा गवाह” स्वयं में एक बहुत ही मनोरंजन और रोचक फिल्म है जिसका श्रेय इसकी कहानी और किरदारों कुछ आता है, लेकिन क्या आप सभी जानते हैं, कि 20 साल पहले खुदा गवाह फिल्म की शूटिंग “अफगानिस्तान” में हुई थी तब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने इस फिल्म की शूटिंग में अपने मुल्क की आधी एयरफोर्स तैनात कर दी थी। यूं तो बहुत सारी भारतीय फिल्में अफगानिस्तान में शूट की गई है, लेकिन खुदा गवाह फिल्म की बात कुछ निराली थी।
शूटिंग अफगानिस्तान में ही क्यों
यह कहानी “खुदा गवाह” फिल्म के किरदार बादशाह खान और बेनजीर के प्यार पर आधारित है इस कहानी में बादशाह खान के अफगानिस्तान से भारत आने के दृश्यों को दिखाया गया है, जिसमें अफगानिस्तान के विभिन्न क्षेत्र भी दर्शाए गए हैं जब फिल्म की ओपनिंग में बुशकाशी का सीन रखा गया तब अमिताभ बच्चन ने यह सलाह दी कि फिल्म की शूटिंग अफगानिस्तान में होनी चाहिए और पिक्चर में दिखाया गया महत्वपूर्ण बुश काशी सपोर्ट वाला दृश्य अफगानिस्तान के “मजार ए शरीफ” में शूट किया गया।
किरदार

यह सुपरहिट फिल्म खुदा गवाह 1992 में अफगानिस्तान में शूट की गई थी जिसके मुख्य अभिनेता “अमिताभ बच्चन” और अभिनेत्री “श्रीदेवी” थी इस फिल्म में लोगों के दिलों में अपनी एक खास जगह बनाई और बहुत सारे सुपरहिट गाने भी दिए।
कहानी अफगानिस्तान की
बात 1980 की करें या आज के अफगानिस्तान में शांति का माहौल देखने को नहीं मिला है। इस वक्त अफगानिस्तान के हालात पूरी दुनिया जानती है और सभी अफगानिस्तान की शांति और वहां के लोगों की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। जब 1989 में अफगानिस्तान पर यूएसएसआर का हमला हुआ था उसके बाद 1990 के दशक में अफगानिस्तान में कई आतंकी संगठनों ने अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया था। ऐसे माहौल में एक फिल्म की शूटिंग करना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं था।
अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी का भव्य स्वागत
जब अमिताभ बच्चन शूटिंग के लिए अफगानिस्तान पहुंचे तो उनके लिए अनेक भव्य इंतजाम किए गए जैसे बूस्ट आशीष खेल का इंतजाम किया गया उनके लिए अलग और बहुत ही सुंदर टेंट लगाए गए। उन्हें अनेक प्रकार के सुंदर-सुंदर तोहफे दिए गए । और अफगानिस्तान के प्रसिद्ध बुश काशी खेल का आयोजन भी किया गया। इतना ही नहीं जब अमिताभ बच्चन अपने हेलीकॉप्टर से निकले तब उन्हें लोगों ने अपने कंधों पर उठा लिया क्योंकि अफगानिस्तान में यह स्वागत की एक अनोखी प्रक्रिया है।
शूटिंग समाप्त होने के बाद जब खुदा गवाह की कास्ट भारत लौटने की तैयारी में थी तब अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें अपने भव्य भवन में बुलाया और टीम लिए एक भव्य समारोह का आयोजन भी किया। जिस वक्त देश में जंग का माहौल छेड़ा हो इस तरह की मेजबानी कोई आम बात नहीं हो सकती ।
अमिताभ बच्चन के फैन नजीबुल्लाह अहमदजई
दरअसल अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति नजीबुल्लाह अहमद गई अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन थे जब उन्हें पता चला कि अमिताभ बच्चन अफगानिस्तान में शूटिंग करने के लिए आने वाले हैं तब उन्होंने उनकी सुरक्षा का पूरा जिम्मा अपने कंधों पर उठा लिया। उन्होंने भारतीय फिल्म की शूटिंग में अपने देश की आधी एयरफोर्स को 18 दिनों के लिए तैनात कर दिया। और जंग के इस माहौल में जब सड़कों पर टैंक और बंदूकधारी सैनिक चल रहे होते उस वक्त भी उन्होंने खुदा गवाह फिल्म की शूटिंग को पूरी सुरक्षा के साथ पूरा करवाया।
अमिताभ जी ने अपनी यादें की साझा
2013 में अमिताभ बच्चन ने अपने फेसबुक अकाउंट पर इस याद को साझा करते हुए खुदा गवाह जैसी रोचक पिक्चर की शूटिंग के अपने अनुभव को बहुत ही बेहतरीन तरीके से व्यक्त किया उन्होंने बताया कि किस तरह युद्ध के माहौल में उन्होंने और उनकी सह साथी श्रीदेवी जी ने इस फिल्म की शूटिंग को पूरा किया जिसमें अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने उनका पूरा सहयोग किया और उन्हें कड़ी सुरक्षा भी प्रदान करवाई।
अंत में अमिताभ बच्चन ने यह भी लिखा कि – “ना जाने अब हमारे मेजबान कहां होंगे “

इतिहास में याद की जाएगी फिल्म खुदा गवाह की शूटिंग
अमिताभ बच्चन बताते हैं कि जब खुदा गवाह फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तब कुछ अफगानी सरदारों ने उन्हें आमंत्रण दिया था वह जब चॉपर पर चलते थे तो उनके पीछे पांच चॉपर चलते थे थे साथ ही वह यह भी कहते हैं कि वह कभी भी अफगानी पहाड़ों के बदलते हुए बैंगनी से गुलाबी और गुलाबी से लाल रंगों को नहीं भूल पाएंगे उन पहाड़ों में की जा रही खसखस की खेती हमेशा उन्हें याद रहेगी ।खुदा गवाह फिल्म का नाम इतिहास में जाना जाएगा क्योंकि शायद ही कोई ऐसी फिल्म शूटिंग होगी जो जंग के माहौल में और एयरपोर्ट की सुरक्षा में शूट की गई होगी ।