हाल ही में कानपूर के एक इत्र व्यापारी पियूष जैन के पास 200 करोड़ का कैश बरामद हुआ हैं और कहा जा रहा हैं की उन्होंने 200 से ज्यादा फेक इनवॉइस बनाकर सरकार को करोड़ो का चुना लगाया हैं। हर कोई यह देखकर हैरान हैं की सामान्य दिखने वाले और उससे भी सामान्य जीवन जीने वाले व्यापारी के पास इतना पैसा कहा से आया। उनके बारे में कहा जा रहा हैं की उनकी जीवनशैली को देखकर शायद ही किसी ने सोचा होगा की वो 200 करोड़ से अधिक कैश अपने पास रखे हुए हैं। उनके पास ना केवल 200 करोड़ से ज्यादा कैश बल्कि साथ में 23 किलो सोना और 6 करोड़ का चन्दन तेल भी बरामद हुआ हैं। इतना ही बल्कि उनके पास मौजूद एक तहखाने का खुलासा भी हुआ हैं अर्थात कुल मिलाकर उनके पास करोड़ो का मामला हैं।
करीब 1000 करोड़ की दौलत हैं पियूष जैन के पास

जहा एक तरफ पियूष जैन के बारे में कोई नहीं जानता था वही उनका नाम पुरे देश में चर्चाओं में चल रहा हैं। उनके बारे में कहा जा रहा है की वजह काफी सामान्य जीवन जीते थे और जब उनके पास इतना पैसा निकला तो हर कोई हैरान रह गया। डीजीजीआई की टीम जब छापा मारने पियूष जैन के पास पहुंची तो उनके पास 500 चाबियां, 109 ताले और 18 लॉकर मिले। अंदाजा लगाया जा रहा हैं की पियूष की संपत्ति करीब 1000 करोड़ रूपये की हैं। हर कोई उनकी इस छुपी हुई सम्पत्ति के बारे में जानकर हैरान हैं की आखिर एक सामान्य से व्यापारी के पास इतना पैसा कैसे आया।
चेकिंग के दौरान पकड़े गए थे पियूष जैन के ट्रक

अगर आप सोच रहे हो की आखिर पियूष जैन के पास इतना पैसा होने के बाद इतने लम्बे समय के बाद वह पकड़ कैसे आये तो बता दे की अहमदाबाद में डायरेक्टरेट ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस अर्थात डीजीजीआई ने उनके चार ट्रको को एक एक करके पकड़ा था। इन ट्रको में वैसे तो लाखो का माल था लेकिन बिल पचास हजार से ऊपर का नहीं था जिसकी वजह से वह काफी टैक्स बचा रहे थे या फिर कहा जाये तो टैक्स की चोरी कर रहे थे। दरअसल जीएसटी के नियमो के मुताबिक माल के ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी हैं की 50 हजार या उससे अधिक के सामान के लिए ई-वे बिल्स बनाये जाये लेकिन ऐसा नहीं किया गया था जिसकी वजह से पियूष शक के दायरे में आ आगये थे।
टैक्स बचाने के लिए फेक इनवॉइस का सहारा ले रहे थे पियूष जैन

वर्तमान में सुर्खियों में चल रहे इत्र व्यापारी पियूष जैन टैक्स बचने के लिए जमकर फेक इनवॉइस का सहारा ले रहे थे। जब वह शक के दायरे में आये तो डिजिजिऐ ने उनकी जाँच की और पता चला की वह टैक्स बचाने के लिए या फिर कहा जाये तो टैक्स चोरी करने के लिए फेक इनवॉइस का सहारा ले रहे थे। जब जांच गहरी होती गयी तो पियूष के राज खुलते गए और पता लगा की उनका कनेक्शन कानपूर से जुड़ा हुआ हैं। यह बात सामने आई की ट्रांसपोर्टर भी कानपूर का ही था और उनके द्वारा भेजा जा रहा पैन मसाला भी कानपूर ही जा रहा था। डीजीजीआई जिस ख़ामोशी के साथ काम कर रहे थे, ट्रांसपोर्टर को भी पता नहीं चल पाया की वह पकड़ा जा चूका हैं।
डीजीजीआई ने मारा शिखर मसाला की फैक्ट्री पर छापा

डीजीजीआई को पता चल चूका था की मामला संगीन हैं और व्यापारी सरकार के साथ धोखाधड़ी कर रहा हैं। करीब 22 दिसंबर को 8 बजे के करीब शिखर मसाला की फैक्ट्री पर छापा मारा गया और फैक्ट्री के पास ही ट्रांसपोर्टर का दफ्तर था तो वह भी जाँच पड़ताल शुरू कर दी गयी। शिखर पान मसाला के मालिक प्रदीप अग्रवाल हैं जो दिल्ली में रहते है तो उन्हें पकड़ा नहीं जा सका लेकिन गणेश ट्रांसपोर्ट के मालिक प्रवीण जैन को डीजीजीआई के द्वारा दबोच लिया गया। उसके ठिकाने से 1 करोड़ की रकम बरामद हुई लेकिन यह शुरुआत मात्र थी।
इस तरह से आया था पियूष जैन का नाम सामने
जब शिखर पान मसाला और गणेश ट्रांसपोर्ट को जाँच में लिया गया तो पता चला की टैक्स चोरी में एक और बड़ा नाम शामिल था जो था पियूष जैन का। पियूष जैन प्रवीण जैन के बहनोई अमरीश के भाई थे। अमरीश का नाम भी टैक्स चोरी में शामिल हैं। जैसे ही 22 दिसंबर और 23 दिसंबर के बिच रात को पियूष का नाम सामने आया उनके घर पर अँधेरे में ही रेड मार दी गयी। सुबह तक तस्वीरें सामने आने लगी और लोगो को पता चला की सामान्य जीवन जीने वाला एक व्यापारी कितना पैसा दबाकर बैठा हैं।
घरो में निकला सोने का भंडार
पियूष जैन के घर पर रेड मारी गयी तो उनके पास करोड़ो का कैश निकला। कैश इतना था की गिनते हुए अफसर परेशान हो गए और मशीने कम पड़ गयी। पियूष जैन के पास ना केवल इतना कैश निकला बल्कि उनकी कई प्रॉपर्टी के बारे में पता भी चला। उनके पास कन्नौज के एक पुश्तैनी मकान हैं जिसकी जांच होने पर करोड़ो की रकम कैश में निकली। उनके पुश्तैनी माकन में सोने के भंडार भी निकले हैं। ना केवल उनकी दीवारों से पैसा निकला बल्कि जमीं के निचे दबी अलमारियों में भी पैसा और सोना निकला हैं।
मोहल्ले वालो ने बताया पियूष को मिलनसार और अच्छा व्यक्ति

जब से पियूष के घर की तस्वीरें सामने आई वह सुर्खियों में आ गए और उसके बाद उनके घर के आसपास रहने वाले लोगो से उनके बारे में पूछा गया तो वाकई में हैरान कर देने वाला रिएक्शन मिला। उनके पड़ोसियों ने कहा की पियूष एक नेकदिल और जमीं से जुड़े हुए आदमी हैं। वह सामान्य जिंदगी जीते है और उनका किसी राजनितिक दल से कोई कनेक्शन भी नहीं हैं। उनके बारे में बताया जा रहा हैं की वह एक धार्मिक व्यक्ति है और भगवन महावीर के परमभक्त हैं।
लम्बी पूछताछ के बाद की गयी पियूष की गिरफ्तारी
घर और ठिकानो से करोड़ो की रकम मिलने के बाद पियूष जैन के साथ लम्बी पूछताछ की गयी और रिपोर्ट के अनुसार यह पूछताछ कारण 50 घंटो तक चली। इसके बाद पियूष की गिरफ्तारी कर ली गयी। गिरफ्तारी के बाद उनकी पहली रात कानपुर के काकादेव थाने में गुजारी और उसके बाद वह सोमवार की सुबह कंबल ओढ़कर फर्श पर सोए हुए मिले। इसके बाद महानगर मजिस्ट्रेट में उन्हें पेश किया गया और कोर्ट ने 14 दिन के लिए उन्हें हिरासत में भेजा। कहा जा रहा हैं की अब तक सामने आई रकम और आकड़ो के मुताबिक उन्होंने करीब 31 करोड़ 50 लाख रूपये से अधिक की टैक्स चोरी की हैं।