कर्मचारी के सैलरी मांगने से किलसाए बॉस ने पकड़ाए पूरे 227 kg की चिल्लर, जानें फिर कर्मचारी ने क्या किया

जैसा कि जानते हैं कि कंपनी में बॉस और कर्मचारी की नोकझोंक चलते ही रहती है। किसी काम को लेकर कुछ फ़ैसलों के वजह से बॉस तथा कर्मचारी में मतभेद होना सामान्य बात है।
कभी-कभी कर्मचारियों को अपने बॉस के निर्णय नापसंद होते हैं तो कभी बॉस को कर्मचारियों के कार्यों से दिक्कत होती है। वजह चाहे जैसी भी हो कर्मचारियों को अपने नौकरी के कारण इन परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है। अमेरिका देश में एक कार मैकेनिक, जिसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसके लिये अपने बॉस के विरुद्ध उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

 चिल्लर रूप में दी वेतन

कहानी है अमेरिका के जॉर्जिया नाम के स्थान फ़ेयेटविल निवासी एंड्रियाज़ फ्लैटेन जो पेशे से एक कार मैकेनिक हैं। वे जिस जगह कार्य करते हैं वहां उनके बॉस और उनके बीच कुछ कहासुनी हो गई। और कहासुनी इतनी बढ़ गई थी फ्लैटेन ने अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय ले लिया।

जॉब छोड़ने से पहले अपने बॉस से अपने काम का पूरा वेतन मांगा। इस कर्मचारी पर गुस्साये हुये इस बॉस ने उसे वेतन तो दिया परंतु कैश, चेक अथवा बैंक अकाउंट में नहीं बल्कि चिल्लर के रूप में वो भी बोरा भर के दिया।यहाँ तक की वह चिल्लर उनकी पूरी वेतन से कम ही था।

 चिल्लरों का वजन था कुल 227 किलोग्राम 

26 वर्ष के मैकेनिक एंड्रियाज़ फ्लैटेन के मुताबिक उन्हें वेतन में इतने चिल्लर दिए गए की गिनते-गिनते उनकी हालत खराब हो गई। बावजूद इसके उन्होंने बड़ी मेहनत से उन चिल्लरों की गिनती की और पाया कि यह पैसे उनकी पूरी वेतन से कम थे।

मिरर के द्वारा प्राप्त खबर के मुताबिक 227 किलोग्राम के यह चिल्लर कुल 91 US Doller यानि कुल 67 हजार रूपये ही थे। अपने बॉस से गुस्साये एंड्रियाज़ फ्लैटेन ने चिल्लरों की तस्वीरें खींचीं और सोशल मीडिया में शेयर कर दी तथा अपनी पूरी परेशानी को अपने सभी यूजर्स को बताया। इसके पश्चात ही कुछ समय में ही एंड्रियाज़ फ्लैटेन की पोस्ट एकदम से वायरल होती गई।

चिल्लरों को 7 घंटे लगे समेटने में 

यह मामला इतना ज्यादा चर्चा में रहा कि अमेरिका में श्रम विभाग के द्वारा इस घटना को कोर्ट तक पहुँचा दिया गया। एंड्रियाज़ फ्लैटेन के बाॅस का नाम माइल्स वाॅकर है जो OK Walker AutoWorks के मालिक हैं। श्रम विभाग का आरोप है कि इस मामले में श्रम तथा ओवरटाइम के कानून, जिसका उल्लंघन माइल्स वाॅकर ने किया है।

इसके अलावे एक आरोप यह भी है कंपनी के मैकेनिक एंड्रियाज़ फ्लैटेन जिसके बारे में वेबसाइट पर खराब टिप्पणी भी पब्लिश की। कंपनी ने एंड्रियाज़ फ्लैटेन का शेष वेतन को समाप्त करते हुये जिस प्रकार चिल्लरों को उनके सामने फ़ेंका, उसे इकट्ठा करने में उन्हें कुल 7 घंटे लगें।

इस प्रकार इस व्यवहार को कर्मचारियों का शोषण माना गया है। चुकानी वाली बात यह है इतना सब कुछ होने के बावजूद एंड्रियाज़ फ्लैटेन के बाॅस तथा गैराज के संस्थापक अपनी गलती मानने को इंकार कर रहे हैं। उनके मुताबिक उन्होनें एंड्रियाज़ फ्लैटेन को उसके बकाये रूपये दे दिये हैं। इससे उन्हें कोई मतलब नहीं कि वो रूपये उसे कैसे मिले।

About Vipul Kumar

मैं एक हिंदी और अंग्रेजी लेखक और फ़्रंट एंड वेब डेवलपर हूं। वंदे मातरम

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