माइनस 50 डिग्री की कपकपाती ठंड में कैप्टन हरप्रीत बनी दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला

एक सिख आर्मी की आॅफ़िसर जिनका नाम प्रीत चंडी है जो ब्रिटिश मूल के नागरिक है उन्होनें दक्षिणी ध्रुव की अकेली यात्रा करने वाली प्रथम ‘अश्वेत महिला’ बन गयी हैं । जनवरी की 3 तारिख को प्रीतजी ने यह एलान की कि उनके द्वारा 1126 किलोमीटर की यात्रा 40 दिन में समापन कर लिया गया है । उनसे प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होनें यह यात्रा बीते वर्ष 7 नवम्बर को आरम्भ की थी ।

सिख आर्मी की आॅफ़िसर जिनका नाम प्रीत चंडी है जो ब्रिटिश मूल के नागरिक है उन्होनें दक्षिणी ध्रुव की अकेली यात्रा करने वाली प्रथम ‘अश्वेत महिला’ बन गयी हैं ऐसा कर के उनके द्वारा इतिहास को रच दिया गया है । CNN की रिपोर्ट के अनुसार, प्रीत चंडी ने इस यात्रा की शुरुआत पिछ्ले वर्ष नवम्बर महीने में की थी ।

उन्होनें अंटार्कटिका के क्षेत्र हरक्यूलिस इनलेट नामक जगह से यात्रा की शुरुआत की थी । उन्होंनें थोड़े सप्ताह अंटार्कटिका की वादियों में स्कीइंग करते हुये व्यतीत किये ।उसके बाद उन्होंने जनवरी 3 को ऐलान किया कि उन्होंने 1126 किलोमीटर की यात्रा को मात्र 40 दिन में पूरा किया । प्रीत चंडी जी ने अपने सोशल साइट पर लिखा कि ” मैनें अभी काफ़ी सारी सुगम भावनाओं का एहसास किया है “।

7 नवम्बर 2021 को यात्रा को शुरू करने से पहले , प्रीत चंडी जो 32 वर्ष की हैं, उन्होंने CNN के साथ साक्षा करते हुये कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके द्वारा किया गया साहसिक कार्य अन्य लोगों को अपनी सीमा से आगे बढ़ने और स्वयं पर अटल विश्वास करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करेगा ।

दक्षिणी ध्रुव (South Pole) की यात्रा को पूरा करने के पश्चात उन्होंने अपने सोशल साइट के माध्यम से कहा कि ” सबसे ज्यादा ठंडा, ऊँचा, शुष्क तथा हवा रूपी महाद्वीप है । वहाँ कोई भी इंसान स्थायी प्रकार से निवास नहीं कर सकता है क्योंकि वहाँ का तापमान -50 डिग्री से भी कम हो जाता है “।

उन्हों ने कहा कि “जब मैनें इस यात्रा के बारे में जाने का सोचा तो हमें उस महाद्वीप के तापमान इत्यादि बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं थी । परंतु मेरा मन था कि मुझे वहाँ जाना है । इसके लिये प्रीत चंडी ने लगभग ढाई वर्ष तक स्वयं को इस यात्रा के लिये तैयार किया ।

उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना क्रेवास प्रशिक्षण फ्रेंच आल्प्स से किया ,आइसलैंड में लैंगजोकुल ग्लेशियर के क्षेत्र में ही ट्रेकिंग की, तथा ग्रीनलैंड के आइस कैप में 27 दिन बिताये ।” प्रीत चंडी से ज्ञात हुआ कि उन्होंने अपने दक्षिणी ध्रुव की यात्रा के दौरान सिर्फ़ चुने हुये लोगों से सबंध रखा था। इसमें से वही लोग शामिल थे जो सोशल साइट ,ब्लाॅग, इंस्टाग्राम के द्वारा अवगत किया करते थे ।

उन्होंने अपने इस यात्रा के दौरान कुछ आवश्यक वस्तुयें भी अपने पास रखा , जिसमें मौजूद ईंधन, एक किट ,तथा खाने-पीने के सामान भी शामिल था ।प्रीत चंडी के उनके यात्रा को पूरा करने पर ब्रिटिश आर्मी में जनरल स्टाफ चीफ के द्वारा शुभकामनायें दी गयी।उन्होंने प्रीत चंडी की तारीफ़ करते हुये कहा कि ” दृढ़ संकल्प तथा धैर्य के प्रेरक रूपी उदाहरण” प्रीत चंडी के ही रूप में प्रस्तुत की गई है।

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मैं एक हिंदी और अंग्रेजी लेखक और फ़्रंट एंड वेब डेवलपर हूं। वंदे मातरम

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