जैसा कि वैरिएंट के संक्रमण को देखते हुए सभी कार्यों ऑनलाइन तरीके से किया जा रहा है। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इस गंभीर स्थिती का देखते हुए यूएई में रहने वाले गैर मुस्लिमों के लिए एक नया कदम उठाया है।
UAE की तरफ से उठाया गया यह एक बड़ा कदम है जो आजकल खूब चर्चा का विषय बन रहा है। इस नए कानून के तहत यूएई के गैर मुस्लमान अब ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कोर्ट में अपनी शादी की पूरी प्रक्रिया रजिस्टर करवा सकते है।

कनाडा का एक कपल है जो इस नियम के अनुसार विवाह रचाने वाला पहला गैर मुस्लिम जोड़ा बन गया है। यह कानून पहली बार अबू धाबी की गैर मुस्लिम पारिवारिक मामलों की अदालत में जारी हुआ, वहां कनाडा के एक कपल ने अपना विवाह रजिस्टर करवाया।
इस प्रकार संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पहला मैरिज सर्टिफिकेट कनाडा के इस गैर मुस्लिम जोड़ें के लिए जारी किया। यह कनीडाई जोड़ा इसके लिए सरकार को तथा कोर्ट को बहुत-बहुत धन्यवाद कर रहा है।
संयुक्त अरब अमीरात एक करोड़ की आबादी वाला देश हैं जिसमें लगभग 90 % विदेशी ही है, ऐसे में वहां विभिन्न धर्म, संस्कृति और मजहबों को मानने वाले लोग रहते हैं। वहां के लोगों के लिए सरकार नए नए कदम उठा रही है ताकि सभी लोगों के लिए समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाना आसान हो। यह देश खाड़ी में स्थित है और विदेशियों कि अधिक आबादी के कारण यहां हर रोज नए नए बदलाव किए जा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यूएई द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना तथा बहुत ही प्रशंसा की जा रही है। सेबेस्टियन उशैर जो कि बीबीसी वर्ल्ड में मध्यपूर्व मामलों के संपादक हैं उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा, ” अबू धाबी की परिवारिक कोर्ट में होने वाला यह विवाह वास्तविकता में देश की उदार छवि पेश करने का प्रयत्न किया है।” यूएई द्वारा उठाए गए इस कदम के कारण उसने विश्व में ना केवल प्रशंसा प्राप्त की है बल्कि नए नए स्किल अपनाने के कारण आकर्षण का केंद्र भी बन गया है।
जानकारी मिली है कि पिछले नवंबर महीने में यूएई गैर मुसलमानों के व्यक्तिगत और पारिवारिक मामलों के लिए अलग-अलग नियम बनाए थे और अब यह एक और नया कानून बनाया गया।
इसके अलावा कनाडा में गैर मुसलमानों का वहां रहना आसान करने के लिए उसने सिविल मैरिज को भी मान्यता दी है। सिविल मैरिज का अर्थ होता है जिसमें धर्म शामिल नहीं होता यानी कि दो अलग-अलग धर्म के लोग भी शादी कर सकते हैं और इसे कानून की भी मान्यता प्राप्त होती है।
नए कानून के तहत अबू धाबी की न्याय विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट रहने वाले तथा अन्य पर्यटक दोनों के लिए सुविधाएं उपलब्ध है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ही गैर मुसलमान अपनी शादी की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करवा सकेंगे।

खाड़ी प्रदेश यानी कि संयुक्त अरब अमीरात द्वारा उठाया गया कदम विश्व भर में एक मिसाल के तौर पर माना जा रहा है। ADJD के अंडरसेक्रेटरी युसूफ सईद अल अब्री का कहना है ‘अबू धाबी की अदालत द्वारा यह जो पहली बार गैर मुसलमानों के लिए मैरिज कॉन्ट्रैक्ट प्रक्रिया शुरू की गई है, यह अरब देश के लिए एक मिसाल है।’
आगे उन्होंने कहा कि यह जो गैर मुसलमानों की शादी को लेकर कानून बनाया गया वह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ही है। यूएई द्वारा उठाया गया यह कदम इस्लाम धर्म की सहिष्णुता को दर्शाता है और उसकी सकारात्मक छवि को देश भर में पेश करता है।

मध्य- पूर्व ईसाई, इस्लाम तथा यहूदी धर्म का जन्म स्थली है। यहां तीनों धर्मों के लिए शादी के अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा ट्यूशियन और अल्जीरिया में सिविल मैरिज करने की भी मान्यता दी गई है। ऐसे में इन दिनों यूएई भी अपने राष्ट्र को उत्कृष्ट बनाने व प्रसिद्धि के लिए तथा अपने निवासियों को वहां रहना आसान बनाने के लिए कई परिवर्तन कर रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो यूएई अपने देश में नए-नए बदलाव कर रहा है क्योंकि वह विश्व में अपनी उदार छवि बनाना चाहता है ताकि विदेशी निवेश बढ़े और पर्यटकों को आकर्षित करें। नवंबर महीने की शुरुआत में ही यूएई ने पश्चिम देश की भांति घोषणा जारी की कि इस सप्ताह से शनिवार और रविवार छुट्टी का दिन होगा। इसके अलावा घोषणा करवाई कि जनवरी के शुरुआत से वहां शुक्रवार से वीकेंड की शुरुआत नहीं होगी क्योंकि उस दिन मुसलमानों के नमाज अदा करने का दिन होता है। इस प्रकार यूएई पहला ऐसा खाड़ी देश बन गया, जहां वीकेंड शुक्रवार से नहीं होगा।
इसके अलावा सऊदी अरब भी अपने क्षेत्र में नए-नए संशोधन जारी कर रहा है, वहां महिलाओं को ड्राइविंग करने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा इस्लामिक ड्रेस कोड को लेकर भी कई संशोधन किया था। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का मुख्य उद्देश्य अपने खाड़ी प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर देना है और इस क्षेत्र में वह आगे भी बढ़ रहा है।